जिले में मरने वालाें की संख्या 17 हुई, स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन में बताई 15 माैत, दाे नहीं जाेड़ी
देवास लाइव। कोरोना से मौत के आंकड़ों में लगातार खिलवाड़ किया जा रहा है। देवास जिले के पीड़ित मरीजों की मौत इंदौर और उज्जैन के अस्पतालों में होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग अपने बुलेटिन में इनकी सूचना या तो लेट दे रहा है या फिर जोड़ा ही नहीं जा रहा है।
जिले में कोरोना से मृत्यु दर 2.70 % से ऊपर चल रहा है। इसे 1% से नीचे लाने की कोशिश की जा रही है। लेकिन लगता है यह कोशिश आंकड़ों में खिलवाड़ से की जा रही है। काेराेना से बुधवार काे दाे और माैत हाे गई। जिले में महामारी से मरने वालाें की संख्या 17 हाे गई है। लेकिन इसे अभी तक आधिकारिक रूप से घोषित नहीं किया गया है।
बीएनपी के सुपरवाइजर ने देवास के अमलतास हाॅस्पिटल और खातेगांव तहसील के कांकरिया गांव निवासी खलगांव के शिक्षक ने इंदाैर में दम ताेड़ दिया है। इन दाेनाें माैताें काे स्वास्थ्य विभाग ने दो दिन बाद भी बुलेटिन में नहीं जाेड़ा है।
बैंक नाेट प्रेस के फिनिसिंग डिपार्टमेंट में काम करने वाले सुपरवाइजर मुकेश त्रिवेदी की अमलतास अस्पताल में उपचार के दाैरान मृत्यु हाे गई। तबीयत खराब हाेने पर 4 दिन पहले उपचार के लिए अमलतास अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जिन्हें पहले दिन से ही ऑक्सीजन पर फिर वेंटिलेटर पर रखा गया था लेकिन शरीर रिकवर नहीं कर पाया।
दूसरा मामला खातेगांव तहसील के गांव कांकरिया के 56 वर्षीय महेश चौबे ने इंदौर में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। चौबे खल गांव में शासकीय शिक्षक थे। शिक्षक चाैबे काे 5 दिन पहले फेफड़ों में इंफेक्शन सहित अन्य लक्षणों के चलते इंदौर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां उनकी कोविड-19 जांच पॉजिटिव आई थी। इसके बाद खातेगांव स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन ने एहतियातन उनके परिजनों के सैंपल जांच के लिए भेजे थे। मंगलवार को चौबे के 80 वर्षीय पिताजी की भी रिपोर्ट पॉजिटिव आई, जिसके बाद उन्हें देवास में भर्ती कराया गया। शेष सभी परिजनों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। इंदौर में इलाज के दाैरान चौबे ने बुधवार को दम तोड़ दिया। कोविड गाइडलाइन के अनुसार इंदौर में ही उनका अंतिम संस्कार किया गया।
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