देवास। औधोगिक क्षेत्र स्थित प्रतिष्ठित सनफार्मा कंपनी में ठेकेदारी पर काम करने वाले करीब डेढ़ सौ श्रमिक आज आंदोलित हो गए। एक ठेका फर्म के माध्यम से कंपनी में काम कर रहे इन श्रमिकों का आरोप है की ठेकेदार उन्हें मात्र 6 हज़ार रुपए वेतन देता है और उसमे से भी 3 हज़ार रूपयें काट कर दे रहा है। श्रमिकों ने आज कंपनी के गेट पर प्रदर्शन किया। इस दौरान कंपनी के लोग उन्हें अन्दर ले जाना चाह रहे थे लेकिन श्रमिक वेतन की मांग को लेकर प्रदर्शन करते रहे।
श्रमिको ने कहा की मोदी जी ने मिनिमम वेतन 12 हज़ार घोषित किया है लेकिन हमें तो सिर्फ 6 हज़ार रूपये दिए जा रहे हैं उसमे से भी 3 हज़ार रूपये काट लिए गए। सश्रमिकों के सामने अपने परिवार का पेट पालने का संकट खड़ा हो गया है।
इधर प्रबंधन ने श्रमिकों को ठेकेदारी पर बता कर अपना पल्ला झाड लिया और कहा की हम ठेकेदार को समझा देंगे की कंपनी की बदनामी न होने दें। जो बिल कंपनी में ठेकेदार लगाते हैं उन्हें 7 तारिख को पेमेंट दे दिया जाता है। श्रमिकों को ठेकेदार टुकड़े टुकड़े में पेमेंट कर रहा है इसलिए उन्हें समझा दिया गया है की आपके काम से सनफार्मा का नाम ख़राब न होने दें।
35 से अधिक ठेकेदार सनफार्मा में
उल्लेखनीय है की अधिकतर कंपनी श्रम कानूनों से बचने के लिए काम ठेके पर देती हैं। सनफार्मा में भी करीब 35 से अधिक ठेकेदार काम लेकर अपने श्रमिकों से काम करवाते हैं। कंपनी ठेकदार फर्म को काम के एवज में पेमेंट करती है और फिर ठेकेदार श्रमिकों को वेतन देते हैं। ऐसे में श्रमिक कानूनों से कंपनी बच जाती है और ठेकेदार मनमानी करने लगते हैं। देवास का श्रम विभाग ऐसे ठेकेदारों की नकेल कसने में हमेशा फिसड्डी रहा है।
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