देवास। जहां एक ओर प्रदेश सरकार द्वारा भू माफियाओं के खिलाफ सत कार्यवाही करने की बात कही जा रही है। वहीं दूसरी ओर भू माफिया अब भी फर्जीवाड़ा करने से बाज नहीं आ रहे है। ऐसा ही एक मामला मोती बंगला स्थित भारतीय गृह निर्माण संस्था में देखने को मिला है। यह संस्था दो साल पहले भंग हो चुकी है और रिकार्ड भी जमा किया जा चुका है। बावजूद इसके भोपाल के एक व्यक्ति ने फर्जी तरीके से संस्था का अध्यक्ष बनकर देवास निवासी एक व्यक्ति को प्लाट की रजिस्ट्री कर दी।
इस बात की जानकारी मिलने के बाद क्षेत्रवासियों ने कलेक्टर और एसपी को इस मामले की शिकायत की है। कलेक्टर ने मामले की जांच करने के निर्देश दे दिये है। मोती बंगला क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक लोग शुक्रवार को कलेक्टर डॉ. श्रीकांत पांडेय व पुलिस अधीक्षक श्रीमती कृष्णावेणी देसावतु के पास पहुंचे, जहां उन्होंने बताया कि मोती बंगला क्षेत्र में वर्षों पहले भारतीय गृह निर्माण संस्था द्वारा भूखंड बेचे गए थे, इनमें से तीन भूांड क्रमांक 35, 36 व 37 रिक्त थे। इसी बीच करीब 2 साल पहले संस्था को भंग कर दिया गया और तत्कालीन अध्यक्ष प्रो. दाड़ द्वारा संस्था का रिकार्ड जमा करा दिया गया था। तब से लेकर आज तक यह संस्था अस्तित्व में नहीं थी और ना ही वर्तमान में इसका कोई अध्यक्ष है। बावजूद इसके माखनसिंह पिता जुगराजसिंह निवासी 33, ग्राम इजगिरी तहसील बैरसिया जिला भोपाल ने संस्था का फर्जी अध्यक्ष बनकर देवास निवासी माजिद मदनी पिता बशीर अहमद को भूखंड क्रमांक 35 की फर्जी रजिस्ट्री गत 21 नवंबर 2019 को कर दी, जिसका ई रजिस्ट्रेशन क्रमांक एमपी 108942019 ए- 1790397 है।
उक्त रजिस्ट्री की जानकारी मिलने के बाद भारतीय गृह निर्माण मर्यादित संस्था के पूर्व सदस्यों ने रजिस्ट्री की प्रमाणित प्रतिलिपि निकलवाई, तब पता चला कि न तो संस्था में कभी माखनसिंह सदस्य रहा है और ना ही माजिद मदनी सदस्य रहा है। बावजूद इसके इन लोगों ने उप पंजीयक कार्यालय में बैठे अधिकारियों से सांठगांठ कर रजिस्ट्री का निष्पादन करवा लिया। संस्था के एक वरिष्ठ सदस्य रणजीतसिंह राठौड़ ने बताया कि वर्तमान में शासन की गाइड लाइन के अनुसार प्लाट का मूल्य 23 लाख है, किंतु इन लोगों द्वारा मात्र 7 लाख रुपये की रजिस्ट्री का निष्पादन किया गया है।
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