देवास। महात्मा गांधी जिला चिकित्सालय में डॉ. संध्या नीमा की लापरवाही से किए गए ऑपरेशन के कारण इंद्रजीत कोर के पेट में टांके लगाने वाला ओजार (सुई) पेट के अंदर रह गई। डॉ. नीमा की लापरवाही पर तत्काल कार्यवाही करते हुए डिग्री (लायसेंस) निरस्त की मांग को लेकर शिवसेना जिला महासचिव सुनील वर्मा ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एनके सक्सेना को ज्ञापन सौंपा।
श्री वर्मा ने बताया कि श्रीमती इंद्रजीत कोर पति जीवनसिंह निवासी रेवाबाग मीठा तालाब देवास ने छह वर्ष पहले 21 अप्रैल में महात्मा गांधी जिला चिकित्सालय देवास में डिलेवरी करवाने के लिए भर्ती किया था, जिसमें सीजर (बड़े ऑपरेशन) द्वारा एक बच्चे को उन्होंने जन्म दिया। उसी दिनांक को जिला चिकित्सालय में नसबंदी ऑपरेशन भी हुआ। जिसके बाद लगातार उनके पेट में दर्द होता था। निजी उपचार के माध्यम से इलाज करवाते थे, लेकिन परेशानी बनी रही। 5 जनवरी को श्रीमती कोर के ऑपरेशन वाली जगह पर फुंसी हो गई, जिससे उसको फूटने पर एक सुई बाहर आई और परिजन उन्हें लेकर तत्काल महात्मा गांधी जिला चिकित्सालय पहुंचे। जहां पर डॉक्टर्स ने इमरजेंसी में सुई को बाहर निकालने का प्रयास किया, लेकिन वहां पुन: अंदर चली गई। जिस कारण महिला के स्वास्थ्य के साथ में लापरवाही की गई। उसके बाद परिजन निजी अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां महिला के पेट से बड़े प्रयास के बाद सुई बाहर निकली।
शिवसेना ने मांग की हैं कि डॉ. संध्या नीमा की लापरवाही से ऑपरेशन करने के कारण श्रीमती इंद्रजीत कोर जाधव के पेट दर्द होने से किसी भी प्रकार का रोजगार नहीं कर पाई। डॉ. नीमा पर कार्यवाही कर लायसेंस निरस्त किया जाए और पीडि़ता को न्याय दिलाया जाए। इस अवसर पर तहसील प्रमुख लाखन टिपानिया, नगर मंत्री रवि सूर्यवंशी, पीडि़ता के पति जीवनसिंह जाधव, कलावती बाई जाधव आदि उपस्थित थे।
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