वर्ष 2019 के लिए सीताराम शास्त्री स्मृति पुरस्कार कवि,कहानीकार, टिप्पणीकार और सामाजिक कार्यकर्ता देवास के संदीप नाईक को प्रदान किया जाएगा।
निर्णायक समिति के सदस्यों सर्वश्री अखिलेश, विजय राय और जितेंद्र श्रीवास्तव ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया है। पिछले लगभग 35 वर्षों में अध्यापन के साथ-साथ सामाजिक क्षेत्रों में काम करने के बाद संदीप नाईक इन दिनों स्वतंत्र लेखन कर रहे हैं। उनकी कहानियों का संग्रह ‘नर्मदा किनारे से बेचैनी की कथाएँ ‘ चर्चित और पुरस्कृत रहा है। उनकी कविताएं पिछले वर्षों में व्यापक पाठक वर्ग का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रही हैं। उनकी टिप्पणियाँ पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं। उन्होंने शैक्षिक पाठ्य पुस्तकों का लेखन, सम्पादन करने के साथ ही बच्चों के लिए गतिविधि पुस्तिकाओं का भी लेखन और सम्पादन किया है। इसके अतिरिक्त उन्होंने विभिन्न राज्य सरकारों के लिए पँचायत, विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य से सम्बंधित प्रशिक्षण मॉड्यूल्स का लेखन सम्पादन भी किया है
निर्णायक मंडल ने अपनी संस्तुति में कहा है-‘ संदीप नाईक ने पिछले वर्षों में अपनी कविताओं, कहानियों, टिप्पणियों और सामाजिक सक्रियता के माध्यम से निरन्तर हस्तक्षेप किया है। उन्होंने वंचना झेल रहे लोगों के बीच रेखांकित करने योग्य कार्य किया है।उनके लेखन में भी विश्वसनीयता के साथ-साथ जोखिम लेने का साहस है। निर्णायक समिति श्री संदीप नाईक को वर्ष 2019 के लिए सीताराम शास्त्री स्मृति पुरस्कार प्रदान करते हुए प्रसन्नता और संतोष का अनुभव कर रही है।’
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