देवास। भारत हितरक्षा अभियान समय-समय पर मिजोरम राज्य के विस्थापित लोगो की वापसी के लिए मांग करता रहा है, लेकिन अभी तक मिजोरम के स्थानीय लोगो को मूलभूत अधिकारो से वंचित है एवं अपने ही देश में अपने ही लोग शरणार्थी के रूप में जीवन जी रहे है।
उक्त जानकारी देते हुए अमितराव पवार ने बताया कि मिजोरम राज्य के विस्थापित लोगो की पुनः वापसी हेतु भारत हितरक्षा अभियान द्वारा 6 अगस्त 2019, मंगलवार को प्रातः 11 बजे एबी रोड़ स्थित मण्डुक पुष्कर पर तीन घंटे तक धरना प्रदर्शन कर आमजनो से माननीय मुख्य न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट नई दिल्ली के नाम पोर्स्ट कार्ड लिखवाकर हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। तत्पश्चात दोपहर 2 बजे भारत माता की जय के साथ रैली के रूप में कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया।
ज्ञापन का वाचन करते हुए विशाल शुक्ला ने बताया कि मिजोरम में वहां की अल्पसंख्यक ब्रू (रियांग) जाति के लगभग 1 लाख लोगो को 22 वर्ष पूर्व 1997 में धर्मांतरण न करने के कारण मिजोरम जो कि कन्वर्टेक क्रिश्चियन है ने मारकर भगा दिया। रियांग लोग त्रिपुरा में 22 वर्ष से शरणार्थी शिविर में घोर दुरावस्था में निवासरत है, केन्द्र सरकार उनको 30 सिंतबर 2019 तक वापस मिजोरम भेजना चाहती है। परंतु यदि सुरक्षित एवं सामुहिक बसाहट नही दी गई तो वे कैसे वापस जा पायेंगे। उनकी सुरक्षित एवं सामुहिक वापसी के लिए एवं उनके समस्त संवैधानिक अधिकारो की बहाली के लिए यह अभियान देशभर में चलाया जा रहा है। अभियान के अंतर्गत मान. सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली, को पत्र लेखन मान. प्रधानमंत्री के नाम हस्ताक्षर अभियान पत्रक वितरण किया जा रहा है। 2 सिंतबर 2019 को सभी हस्ताक्षर पत्रक मान. प्रधानमंत्री को सौंपे जायेंगे।
ज्ञापन देते समय पुरूषोत्तम सोनी, रामसिंह राजपूत, शक्तिसिंह डाबी, अर्जुन मालवीय, ज्योति वैद्य, लताराय, अंकेश राठौर, सचिन रघुवंशी, देवकृष्ण शर्मा, बसंत चौरासिया, माखनसिंह राजपूत, विक्रम धिंगान, नयन कानूनगो, संजय शुक्ला सहित बड़ी संख्या में मातृशक्ति एवं नागरिकगण उपस्थित थे। अंत में आभार वासुदेव परमार ने माना।
समझिए इस जनजाति की स्थिति
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