देवास। ‘‘जब तक समझौते की गुंजाइश है प्रयास किए जाना चाहिए” उक्त उद्बोधन जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री डी.के. पालीवाल ने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार 13 जुलाई 2019 शनिवार को जिले के समस्त न्यायालयों में वृहद स्तर पर आयोजित “नेशनल लोक अदालत” में दिए।
कार्यक्रम में जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री पालीवाल ने अपने संबोधन में कहा कि ’’लोक अदालत में राजीनामा के आधार पर मामले का शीघ्र और बिना किसी व्यय के निराकरण होता है। इससे पक्षकारों के बीच का प्रेम और स्नेह बना रहता है। नेशनल लोक अदालत में दीवानी एवं चेक अनादरण से संबंधित प्रकरणों में न्यायशुल्क की राशि की वापसी होती है। उन्होंने कहा कि लोक अदालत में अधिक से अधिक पक्षकार आकर इस अवसर का लाभ उठायें।’’ इस अवसर पर प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय श्री एम.एस.ए. अन्सारी एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री शमरोज खान ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
इसके पूर्व नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ जिला न्यायालय में माननीय जिला न्यायाधीश श्री डी.के. पालीवाल ने मॉ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलित कर किया। शुभारंभ समारोह में प्रधान न्यायाधीश फेमिली कोर्ट श्री एम.एस.ए. अन्सारी, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री शमरोज खान, प्रथम अपर जिला न्यायाधीश श्री नीरज शर्मा, द्वितीय अपर जिला न्यायाधीश श्री गंगाचरण दुबे, तृतीय अपर जिला न्यायाधीश श्री कंचन सक्सेना, पंचम अपर जिला न्यायाधीश श्री नवीन कुमार शर्मा, मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी श्रीमती संगीता पटेल एवं न्यायाधीशगण श्री हेमराज सनोडिया, श्रीमती कविता इवनाती, श्रीमती पद्मा राजौरे तिवारी, श्री मनीष पाटीदार, श्रीमती वर्षा भाटी, श्री संजोग सिंह वाघेला, श्री विष्णुकांत मिश्रा, सुश्री रेखा पाराशर, श्री देवांश अग्रवाल, श्री रोहित शर्मा, सुश्री दिव्या रामटेके, अध्यक्ष अधिवक्ता संघ श्री मनोज हेतावल के साथ अधिवक्ता संघ के पदाधिकारीगण, उपसंचालक अभियोजन श्री अजयसिंह भंवर सहित लोक अभियोजन अधिकारीगण, अधिवक्तागण, पुलिस विभाग, विद्युत विभाग एवं नगर निगम के अधिकारीगण एवं बड़ी संख्या में पक्षकारगण उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन द्वितीय अपर जिला न्यायाधीश देवास श्री गंगाचरण दुबे ने किया एवं श्री मनीष पाटीदार व्यवहार न्यायाधीष वर्ग-1 द्वारा आभार व्यक्त किया गया।
नेशनल लोक अदालत में सिविल, आपराधिक, विद्युत अधिनियम, एनआईएक्ट, चैक बाउन्स, श्रम मामले, मोटर दुर्घटना दावा, आदि विषयक प्रकरणों के निराकरण हेतु जिला मुख्यालय देवास एवं तहसील स्तर पर सोनकच्छ, कन्नौद, खातेगांव, टोंकखुर्द एवं बागली में 32 न्यायिक खंडपीठों का गठन किया गया है। नेशनल लोक अदालत में संपूर्ण जिले में न्यायालयों में लंबित प्रकरणों में से 3463 प्रकरण एवं 5078 प्रिलिटिगेशन प्रकरण निराकरण हेतु रखे गए। जिनमें से आपसी सुलह समझौते और राजीनामा द्वारा लंबित प्रकरणों में से 46875037 रुपए राशि के 512 लंबित प्रकरण एवं 4021004 रुपए राशि के 1792 प्री-लीटिगेशन प्रकरण निराकृत किए गए ।
नेशनल लोक अदालत में निराकृत प्रकरणों की जानकारी
नेशनल लोक अदालत में संपूर्ण जिले में न्यायिक खंडपीठों में न्यायालयों के लंबित प्रकरणों में से राशि रू. 46875037 रुपए राशि के 512 प्रकरण निराकृत हुए। जिसमें न्यायालयों में लंबित नियमित प्रकरणों में आपराधिक प्रकरण 55, चैक बाउन्स 169, मोटर दुर्घटना दावा के 75, फैमेली मेटर्स 11, श्रम विवाद 3, सिविल 26, विद्युत 103, विविध 68 प्रकरण निराकृत हुए।
निराकृत 75 क्लेम प्रकरणों में 11566000 रुपए के अवार्ड आपसी समझौते के आधार पर पारित किए गए। नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के 169 प्रकरण निराकृत हुए जिनमें 25289217 रुपए के चैकों की राशि में सेटलमेंट किया गया। प्रिलिटिगेशन प्रकरणों में रूपये 4021004 रुपए राशि के 1792 प्रिलिटिगेशन प्रकरण जिसमें बैंक रिकवरी 31, विद्युत 1736, अन्य 25 प्रकरण निराकृत हुए।
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