देवास। न्यायालय ने रिश्वत लेने की आरोपी नायब तहसीलडार और उनके ड्राईवर को जेल भेज दिया है। मैडम सरकारी गाड़ी से कोर्ट में आईं थी और कोर्ट ने सरकारी गाडी से जेल भेज दिया।
12 अक्टूबर 2017 को लोकायुक्त पुलिस ने बरोठा टप्पा तहसील कार्यालय से नायब तहसीलदार किरण गेहलोत को गिरफ्तार किया था आरोप था की उन्होंने ड्राइवर के माध्यम से रिश्वत ली थी। बरोठा टप्पा तहसील कार्यालय में तीन हजार रुपए की रिश्वत लेने के मामले में पकड़ाई नायब तहसीलदार किरण गेहलोत, उनके ड्राइवर व एक चौकीदार को न्यायालय ने सोमवार को जेल भेज दिया। सोमवार को लोकायुक्त पुलिस ने न्यायालय में चालान पेश किया था। इस दौरान शासकीय अधिवक्ता ने जमानत का विरोध किया जिस पर आरोपियों को जेल भेज दिया गया। आरोपी नायब तहसीलदार वर्तमान में जिले के उदयनगर में पदस्त थीं।
जानकारी में मुताबिक आवेदक नवलसिंह मीणा निवासी बंजारी ने उज्जैन लोकायुक्त एसपी को शिकायत की थी। नवलसिंह की बंजारी में छह बीघा जमीन में से नौ आरे जमीन गलती से शासकीय घोषित होकर अभिलेख में दर्ज हो गई थी। जमीन फिर से अपने नाम दर्ज कराने के लिए नवलसिंह ने करीब डेढ़ साल पहले बरोठा टप्पा तहसील में आवेदन दिया था। तब से लगातार उसका मामला नायब तहसीलदार के यहां विचाराधीन था। मामले में जब नवलसिंह ने नायब तहसीलदार किरण गेहलोत से संपर्क किया था तो उसने पांच हजार रुपए रिश्वत की मांग की थी। नवलसिंह ने नायब तहसीलदार गेहलोत से बात कर रुपए कम करने को कहा तो तीन हजार रुपए में बात पक्की हुई थी। इसके बाद लोकायुक्त पुलिस ने 12 अक्टूबर 2017 को योजना बनाकर नवलसिंह को नायब तहसीलदार के बरोठा स्थित कार्यालय भेजा था। जब वह कार्यालय पहुंचा तो तहसीलदार गेहलोत बोर्ड पर बैठी थी। इस दौरान गेहलोत ने रुपए ड्राइवर अविनाश वर्मा को देने को कहा था। जैसे ही नवलसिंह ने अविनाश को रुपए दिए थे वैसे ही लोकायुक्त निरीक्षक बसंत श्रीवास्तव के नेतृत्व में टीम ने उसे रंग हाथ पकड़ लिया था। लोकायुक्त की टीम ने मौके पर पंचनामा बनाकर भ्रष्टाचार अधिनियम सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया था। प्रकरण में नायब तहसीलदार किरण गेहलोत, ड्राइवर अविनाश व एक अन्य चौकीदार अंतरसिंह को आरोपी बनाया था।
देखें फाइल विडियो जब लोकायुक्त ने कार्यवाही की थी
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