देवास। जिले के खिवनी अभयारण्य में पांच टाइगर नज़र आए हैं।
वन विभाग के जंगल मे लगे नाइट विजन कैमरो में पानी पीते और पानी मे अठखेलियाँ करते कैद हुए है। वन विभाग के जंगल मे लगे कैमरो में कैद हुए टाईगर में एक नर व दो मादा हैं और दो बच्चे (शावक) हैं। सभी टाइगर्स पूरी तरह स्वस्थ हैं। इनके अलावा जंगल मे अन्य टाइगर भी नजर आए हैं। ऐसे में वन विभाग के आकड़ो और सूत्रों के अनुसार टाइगर की संख्या आठ से अधिक हो सकती है। वन विभाग अब इनकी सुरक्षा के इंतजाम में जुटा है।
जिले के कन्नौद क्षेत्र के खिवनी अभयारण्य में ये पांच टाइगर देखे गए हैं जो वन विभाग के नाइट विज़न कैमरों में कैद हुए है। इनमें एक नर, दो मादा व दो बच्चे हैं। वन विभाग द्वारा लगाए गए नाइट विजन कैमरे में ये कैद हुए हैं। टाइगर पानी पीते हुए व विचरण करते व पानी मे अठखेलियाँ करते हुए नजर आए हैं। खिवनी अभयारण्य करीब 125 स्क्वेयर किमी क्षेत्र में फैला है। यहां हिरण, नील गाय,चीतल,भालू, बारहा सिंगा,चिंकारा, चीते, तेंदुए व अन्य जंगली जानवर देखे गए हैं। घास खाने वाले जानवरों की संख्या भी अधिक है, जिनके लिए घास के मैदान बनाए गए हैं।
खिवनी अभयारण्य का भोपाल की टीम भी निरीक्षण कर चुकी है और यहां वाइल्ड लाइफ के लिए काफी संभावनाएं बताई हैं। हालांकि सबसे बड़ी चुनौती और चिंता बाघों के संरक्षण की है। शासन की ट्रांसलोकेशन नीति की समीक्षा की बात उठ रही है ताकि बाघों की संख्या बढ़ती रहे और उन्हें बेहतर वातावरण मिल सके। सुरक्षा को लेकर फंडिंग व स्टाफ बढ़ाए जाने की बात उठ रही है। सेंचुरी के आसपास से आबादी क्षेत्र को हटाने व जंगल व खेत के बीच तार फेंसिंग की योजना बनाई जा रही है ताकि टाइगर व वन्य जीवों को किसी तरह का खतरा न हो।
नेशनल पार्क बनाने की मांग
प्रदेश के कान्हा नेशनल पार्क की दर्ज पर देवास जिले के खिवनी अभयारण्य को नेशनल पार्क बनाने की मांग शुरू हुई है। कैबिनेट की बैठक में यह मुद्दा उठाया गया है। मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने इसे नेशनल पार्क बनाने की बात कही है।
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