देवास। सीएमएचओ के निर्देश पर बनी निरिक्षण टीम को राधे चैरिटेबल हॉस्पिटल के संचालक डॉ. एआर निगम ने बाहर से ही वापस रवाना कर दिया और कहा की जब तीन तीन पर निरीक्षण हो गया तो बार बार क्यों आ जाते हो। इस घटना के बाद सीएमएचओ ने अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर दिया।
तीन अन्य अस्पतालों विनायक हॉस्पिटल में लिफ्ट में निरीक्षण करने गई टीम फंस गई, जो बड़ी मुश्किल ने निकल सकी। प्राइम हॉस्पिटल में डस्टबीन की कमी पाई गई, जबकि उसे नगर निगम से स्वछता का अवार्ड मिला था। सलूजा नर्सिंग होम में एक्स्पायर को चुका अग्निशमन यंत्र लगा हुआ था।
कुल मिला कर स्वास्थ्य विभाग का निरीक्षण मात्र औपचारिकता साबित हुआ। किसी भी अस्पताल में नियम अनुसार काम नहीं हो रहे हैं। सूत्रों के अनुसार लेनदेन कर सभी अस्पतालों को लाइसेंस दिए जाते हैं। जो अस्पताल भेंटपूजा नहीं करता उसे टार्गेट पर लेकर लाइसेंस निलंबित कर दिया जाता है।
निरिक्षण करने गई टीम में डॉ. मालवीय के अलावा डीएचओ डॉ. एके वर्मा, डॉ. साधना वर्मा, डॉ. शरद वीरपरा, डीपीएम कामाक्षी दुबे, जिला मीडिया अधिकारी एसएस सिसौदिया, सीनियर सेनिटेरियन अशोक सेन शामिल थे।
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