देवास। कुछ दिनों पूर्व सोनकच्छ में प्रसूति के लिए आई ग्राम खरपड़ी की महिला की मौत के मामले में जांच के बाद दो कर्मचारी निलंबित किये गये हैं। यही नहीं प्रभारी मुख्य खंड चिकित्सा अधिकारी व महिला चिकित्सक के विरूद्ध कार्यवाही हेतु प्रस्ताव भेजा गया है।
क्या था मामला
21 दिसम्बर को ग्राम खरपड़ी से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सोनकच्छ में मृतक प्रसूता विष्णुकुंवर पति राजपाल को लाया गया था। प्रसूति के बाद महिला की तबियत बिगड़ने लगी। परिजनों ने डॉक्टर ऋतू चौरे को फ़ोन पर बुलाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं आई। परिजन उनके परिसर स्थित सरकारी निवास पर भी पहुंचे लेकिन वह नहीं आई। आखिर में डॉ हेमंत गुप्ता ने गंभीर हालत में महिला को देवास रेफ़र कर दिया लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। बताया जा रहा है की महिला डॉक्टर राजनीतिक रसूख के चलते 20 वर्षों से सोनकच्छ में टिकी है। डॉ सिर्फ ओपीडी देखती हैं और वहां भी उनका व्यवहार ठीक नहीं रहता।
लापरवाही पर किया निलंबित
सेवा में लापरवाही पाए जाने पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एसके सरल ने एक चिकित्सक एवं कर्मचारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। जारी आदेश अनुसार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सोनकच्छ में मृतक प्रसूता विष्णुकुंवर पति राजपाल ग्राम खरपड़ी की मृत्यु दिनांक 21-12-2018 के प्रकरण में प्रथम दृष्टया दोषी पाया जाने पर महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता, उप स्वास्थ्य केन्द्र-बीसाखेड़ी मनोरमा सेन, एवं आया (वार्डबाय) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सोनकच्छ प्रियंका चौहान, को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इनका मुख्यालय क्रमश: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खातेगांव एवं जिला चिकित्सालय देवास रखा गया है। स्टॉफ नर्स संविदा किरण नरवरे को प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाने पर सेवा अनुबंध तत्काल प्रभाव से समाप्त करने हेतु प्रस्ताव कलेक्टर सह अध्यक्ष जिला स्वास्थ्य समिति के रखा जाएगा। प्रभारी मुख्य खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ. हेमंतकुमार गुप्ता एवं महिला चिकित्सक डॉ. रितु चौरे भी प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाने पर कार्यवाही हेतु प्रकरण स्वास्थ्य आयुक्त संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं म.प्र. भोपाल को भेजा गया है।
इनपुट- सौरभ पुरोहित
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