देवास। जिला प्रशासन ने कलेक्टर कार्यालय स्थित ममता महिला साख सहकारी संस्था मर्यादित द्वारा 22 वर्षों से उपयोग किया जा रहा भवन जबरिया खाली करवा लिया। शासन के नोटिस के बाद संस्था संचालक भवन में ताला लगा कर चले गए थे जिसे शासन ने तुडवा दिया और संस्था का सामान बाहर निकलवा कर भवन पर कब्ज़ा ले लिया। प्रशासन के अनुसार कोर्ट के निर्णय के अनुसार कार्यवाही की गई है।
इस कार्यवाही को संस्था प्रबंधक शाईस्ता सैयद ने महिला विरोधी और न्यायालय की अवमानना करार दिया है देते हुए कहा है की ममता महिला साख सहकारी संस्था मर्यादित जो की विगत 22 वर्षों से कलेक्टर प्रांगण मे संचालित हो रही है, उक्त संस्था जिस भवन मे संचालित हो रही है वह भवन पूर्व कलेक्टर अलका सिरोही के कार्यकाल मे बनाया गया था और व भवन जिला संघ का है। जिला संघ द्वारा किराये पर संस्था को तल मंजिल का भवन दिया गया था। कुछ समय पूर्व न्यायालय मे प्रकरण खाली कराने संबंधित चल रहा था, उसमे माननीय न्यायालय द्वारा ममता महिला साख सहकारी मर्यादित देवास को जयपत्र दिया गया एवं माननीय न्यायालय द्वारा प्रशासन को आदेशित किया गया कि उक्त संस्था को बेदखल नही करेगा। किंतु प्रशासन देवास एस.डी.एम. द्वारा तानाशाही रवैय्या अपनाते हुए बैंक का ताला तोडकर संस्था को सभी रिकार्ड एवं अन्य सामग्री अन्य जगह पर रखवा दी गई। जिससे संस्था के कारोबार को नुकसान हुआ है ओर संस्था की महिला सदस्यो को इस कार्यवाही से काफी रोष उत्पन्न हुआ है। संस्था को बदनाम करने के उद्देश्य से उक्त कार्यवाही की जा रही है। देवास प्रशासन के एक तरफा इस कृत्य से देवास की महिलाओ मे डर उत्पन्न हुआ है, जबकि एक तरफ मप्र शासन महिलाओ को संरक्षण देने की बात करता है एवं उनके उत्थान की बात करता है, वही दूसरी ओर देवास प्रशासन द्वारा महिला संस्था से महिलाओ को बेदखल करके मप्र शासन की नीतियो का मजाक उड़ा रहा है।
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