देवास। शहर में जब भी नया लोकसेवक आता है और शहर में नई दिशा में काम कर कुछ कर गुजरने का प्रयास करता है तो वह नेताओं के टारगेट पर आ जाता है। इस शहर में सिर्फ सेटिंगबाज अधिकारी ही नगर निगम में टिक पाते हैं। कांग्रेस नेताओं की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने निगमायुक्त विशाल सिंह चौहान का तबादला कर दिया है। फ़िलहाल विशाल सिंह नगरीय प्रशासन विभाग भोपाल में स्थानांतरित किए जाने के आदेश दिए गए हैं।
विशाल सिंह चौहान के कार्यकाल के दौरान नगर निगम ने सिटी बस जैसी उपलब्धि हासिल की तो नगर में स्वच्छता अभियान में भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। नगर निगम की नई इमारत हो या मंडूक पुष्कर, AB रोड पर सर्विस रोड यह सब इनके कार्यकाल की देन रही।
नगर निगम को बोझिल बेकाम की सरकारी संस्था से टारगेट हासिल करने वाली संस्था के रूप में खड़ा करने में निगमायुक्त विशाल सिंह चौहान का बड़ा हाथ रहा। इसके लिए उन्होंने प्रोफेशनल्स की सहायता ली जिससे नए प्रबंधन की क्षमता बढ़ी और निगम कर्मचारियों में भी काम में भी इसका असर देखा गया। देवास में पहले कभी वार्डों लोगों ने कर्मचारियों को पूरी क्षमता से काम करते नहीं देखा था। स्वच्छता अभियान में पहले देवास में फर्जीवाडा कर काम किया जाता था लेकिन अब धरातल पर हो रहे काम को नेताओं की नजर लग गई।
कांग्रेस नेताओं से पंगा महंगा पड़ा
विशाल सिंह चौहान को कांग्रेस के नेताओं से पंगा लेना महंगा पड़ गया। चुनाव के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी जयसिंह ठाकुर ने भी निर्वाचन अयोग से निगमायुक्त को हटाने की मांग की थी। दरअसल एक आन्दोलन के दौरान जयसिंह ठाकुर ने उनके पेट में हाथ लगा दिया था जिसपर कोतवाली थाने में मामला दर्ज हो गया था। इसके बाद नगर निगम की नई बिल्डिंग का नाम पंडित दीनदयाल के नाम पर करने पर भी कांग्रेस ने आपत्ति ली थी। उज्जैन लोकसभा प्रभारी शौकत हुसैन ने मुख्यमंत्री के सामने यह मामला उठाया जिस पर मुख्यमंत्री ने तुरंत तबादले के आदेश जारी कर दिए।
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