मध्यप्रदेश में खंडित जनादेश, कांग्रेस बहुमत से दो कदम दूर
निर्दलीय व अन्य पार्टियों की मदद के बिना सरकार बनाना असंभव
भोपाल। इस बार के विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की जनता ने ना तो भाजपा पर भरोसा जताया है ना ही उन्हें कांग्रेस पूरी तरह रास आई है। प्रदेश की जनता ने कुल मिलाकर खंडित जनादेश दिया है और किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिल सका है। 230 विधानसभा सीटों वाले मध्यप्रदेश में कांग्रेस जहां 114 सीटों के साथ पहले स्थान पर है वही मात्र 5 सीटें कम लाकर 109 के आंकड़े के साथ दूसरे नंबर पर भाजपा है। बहुजन समाज पार्टी को 2 सीटें मिली हैं जबकि 5 सीटों पर निर्दलीय व अन्य प्रत्याशी जीते हैं। ऐसे में ना तो भाजपा के पास पर्याप्त बहुमत है ना ही कांग्रेस के पास। इन दोनों में से सरकार कोई भी बनाए अन्य का सहारा लेना ही पड़ेगा। हालांकि वर्तमान परिस्थितियों में कांग्रेस के सरकार बनाने के आसार अधिक नजर आ रहे हैं क्योंकि उसे मात्र दो सहयोगियों की दरकार है, संभव है कि बसपा उसे आसानी से समर्थन दे दे। चूंकि कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है इसलिए उसने राज्यपाल को सरकार बनाने के संबंध में पत्र लिखा है वही राज्यपाल भवन द्वारा निर्वाचन आयोग से स्थिति स्पष्ट होने के बाद आगे की कार्रवाई करने का कहा गया है।
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