देवास जिले की पांचों विधानसभाओं में चर्चाओं में हैं तीन समीकरण
देवास। 28 नवंबर को विधानसभा चुनाव में जिले में हुए बंपर मतदान के बाद परिणाम को लेकर विभिन्न प्रत्याशियों सहित राजनीतिक पंडितों के गणित भी गड़बड़ा गए हैं। जिले की पांचों विधानसभाओं के कुल 52 प्रत्याशियों का चुनावी भाग्य ईवीएम में कैद है और जीत-हार को लेकर जनमानस कयास लगा रहा है। हर गली-मोहल्ले, कॉलोनी, दुकान, बाजार, होटल, खेल मैदान में चुनावी परिणामों को लेकर चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं। कार्यकर्ता व आमजन अपनी-अपनी विचारधारा के हिसाब से प्रत्याशियों की जीत-हार तय बता रहे हैं लेकिन एक बात है जो पूरे जिले में चर्चाओं में है वो है परिणामों के तीन समीकरण। सबसे अधिक चर्चा है 5-0 की, इसके बाद दूसरा समीकरण है 4-1 का और तीसरा व अंतिम समीकरण बन रहा है 3-2 का। कौन सा समीकरण सटीक बैठता है इसका फैसला 11 दिसंबर की दोपहर तक हो जाएगा जब अधिकृत परिणाम घोषित होंगे लेकिन यह तय है देवास जिले में पांच में से दो सीटों हाटपीपल्या और सोनकच्छ में ही अधिक रोचक व कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा।
अधिक मतदान अपने-अपने पक्ष में बता रहे
सामान्य तौर पर ऐसा माना जाता है कि मौजूदा सरकार के प्रति जनता की नाराजगी हो तो अधिक मतदान होता है लेकिन ऐसा हर बार सच साबित हो जाए यह जरूरी नहीं है। मप्र के चुनावी इतिहास की बात की जाए तो जब पांच प्रतिशत के आसपास मतदान में औसत बढ़ोतरी प्रदेश में होती है तो सरकार बदलने की पूरी संभावना रहती है लेकिन इस बार पांच प्रतिशत से कम की बढ़ोतरी हुई है। अधिक मतदान को लेकर कांग्रेस जहां जनता की वर्तमान सरकार के प्रति नाराजगी अपने पक्ष में होने की बात कर रही है वहीं भाजपा को पूरा भरोसा है उनकी सरकार फिर से बनने जा रही है।
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